दुर्लभ तस्वीरें:भारतीय इतिहास के इस सच से अनजान होंगे आप
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दुर्लभ तस्वीरें:भारतीय इतिहास के इस सच से अनजान होंगे आप
भारत की आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू
बने, लेकिन आजादी से पहले भी देश में प्रधानमंत्री हुए। उनमें से पहले
प्रधानमंत्री थे मोहम्मद यूनुस। ये बिहार के प्रधानमंत्री थे। अब आप सोच
रहे होंगे कि बिहार में प्रधानमंत्री का पद कैसे, तो आपको बता दें कि बात
1935 ई. की है जब ब्रिटिश पार्लियामेंट ने 'गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट'
पारित किया था। उस एक्ट के तहत देश में 11 प्रोविंस बनाए, जहां पर उसके
प्रीमियर यानी कि प्रधानमंत्री की नियुक्ति का प्रावधान था। इसके अनुसार
जनवरी 1937 ई. में मतदान हुए। इस चुनाव में कांग्रेस की भारी बहुमत से जीत
हुई, लेकिन कांग्रेस ने सभी 11 प्रोविंस में सरकार बनाने से इंकार कर दिया।
कांग्रेस के इंकार के बाद अंग्रेजों ने मुस्लिम इंडिपेंडेंट के मोहम्मद
यूनुस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। मो. यूनुस ने सरकार बनाई और
बिहार के पहले प्रधानमंत्री बने।
'गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट' के तहत जब 1937 में चुनाव हुए तब कांग्रेस ने
जबर्दस्त जीत हासिल की। कांग्रेस ने 152 में से 107 सीटों पर अपने
उम्मीदवार खड़े किए थे,
जिसमें 98 सीटों पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी। बिहार के गर्वनर मौरिस
हैलेट ने श्री कृष्ण सिंह को मंत्रीमंडल बनाने हेतु आमंत्रित किया।
मंत्रीमंडल बनाने के पूर्व श्री
कृष्ण सिंह ने गवर्नर से यह लिखित आश्वासन मांगा कि साधारण अवस्था में
गवर्नर अपने विशेषाधिकार का प्रयोग नहीं करेगें और नहीं मंत्रीमंडल के
कार्यों में हस्तक्षेप
करेगें। गर्वनर मौरिस हैलेट ने यह आश्वासन देने से साफ इंकार कर दिया। ऐसे
में कांग्रेस ने सभी 11 प्रोविंस में सरकार बनाने से इंकार कर दिया। यही से
मोहम्मद यूनुस
के प्रधानमंत्री बनने का दरवाजा खुल गया।
कांग्रेस इससे आहत थी कि गर्वनरों को काफी अधिकार दे दिये गये हैं।
कांग्रेस के इंकार के बाद बिहार के तत्कालीन गवर्नर ने दूसरे बड़े
राजननीतिक दल मुस्लिम
इंडीपेन्डेंट पार्टी को सरकार बनाने के लिए बुला लिया। अंग्रेजी हुकूमत ने
मुसलमानों के लिए सेपरेट बैलेट के आधार पर चुनाव कराया था। तब बिहार में
मुसलमानों के
लिए 40 सीटें रिजर्व थीं। इन रिजर्व सीटों पर मोहम्मद यूनुस की पार्टी ने
कुल 20 पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस महज 4 सीटें ही जीत सकी।
कांग्रेस के पास
कुल सीटें ज्यादा थीं, लेकिन मतभेद के कारण उसने सरकार बनाने से इंकार कर
दिया। ऐसे में देश और बिहार के पहले प्रधानमंत्री बन गए मो. यूनुस। बिहार
को छोड़कर
किसी भी प्रोविंस में सरकार नहीं बनी।
कौन थे मो. यूनुस: मोहम्मद यूनुस का जन्म बिहार के पटना जिले के पेन्हारा
गांव में एक जमींदार परिवार में 4 मई 1884 को हुआ था। मोहम्मद यूनुस
कांग्रेस से लंबे
समय से जुड़े हुए थे। पर गांधी जी के असहयोग आंदोलन से असहमति के बाद
उन्होंने उस वक्त के बड़े कांग्रेसी नेताओं अली इमाम और डॉ सच्चिदानंद
सिन्हा के साथ
पार्टी छोड़ दी थी। बिहार में पहला बैंक स्थापित करने का श्रेय मोहम्मद
यूनुस को जाता है। पटना में पहला भव्य ग्रैंड होटल भी उन्होंने ही बनवाया
था। वह बिहार में
ईस्टर्न रेलवे के फाउंडर में से एक थे।
मोहम्मद यूनुस बिहार के पहले प्रीमियर भले रहे पर इतिहास ने उन्हें शिद्दत
के साथ याद नहीं किया। इतिहासकार इसकी वजह कांग्रेस जैसी मुख्यधारा वाली
पार्टी से इतर
जाकर सरकार बनाने को मानते हैं।
अभी हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यूनुस साहब की जयंती
अगले साल से चार मई को सरकारी स्तर पर मनाने का ऐलान किया है।
source- http://www.bhaskar.com/article/BIH-first-prime-minister-of-india-and-bihar-md-3851115.html?seq=6&HF-44=
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